कहानियाँ किस्से
सुनना
अब भाता नहीं मुझे
खुद की कहानियों किस्से
सुनाने से ही फुर्सत नहीं
कैसे किसी और की कहानियां सुनूं
मेरी कहानियों में भी सब कुछ है
हंसना रोना,प्यार नफरत
इर्ष्या,द्वेष
जब और कुछ बचा ही नहीं
नहीं कहानियाँ सुन कर क्या करूँ
कहीं ऐसा ना हो
कुछ ऐसा सुनने को मिल जाए
जो मेरी कहानियों में नहीं है
डर लगता रहेगा
कहीं मेरे साथ भी ना हो जाए
खुदा से दुआ करता हूँ
नयी कहानियाँ मत बनाना
जो बन चुकी अब तक ज़िन्दगी में
वही बहुत हैं सुनाने के लिए
अब भाता नहीं मुझे
खुद की कहानियों किस्से
सुनाने से ही फुर्सत नहीं
कैसे किसी और की कहानियां सुनूं
मेरी कहानियों में भी सब कुछ है
हंसना रोना,प्यार नफरत
इर्ष्या,द्वेष
जब और कुछ बचा ही नहीं
नहीं कहानियाँ सुन कर क्या करूँ
कहीं ऐसा ना हो
कुछ ऐसा सुनने को मिल जाए
जो मेरी कहानियों में नहीं है
डर लगता रहेगा
कहीं मेरे साथ भी ना हो जाए
खुदा से दुआ करता हूँ
नयी कहानियाँ मत बनाना
जो बन चुकी अब तक ज़िन्दगी में
वही बहुत हैं सुनाने के लिए
742-38-20-09-2012
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