उनकी बेरुखी के बाद
हमें समझ आया
हम दिन में जुगनू
पकड़ने की कोशिश
कर रहे थे
जिसे जुगनू समझ रहे थे
वो जुगनू नहीं
शहद की मक्खी थी
उन्हें मोहब्बत तो
ज़ज्बातों से खेलने की थी
कोई पास आने की
कोशिश करता तो
काट लेती थी
746-42-23-09-2012
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