Wednesday, September 19, 2012

चेहरे पर उम्र दिखने लगी



चेहरे पर
उम्र दिखने लगी
थकान भी बढ़ने लगी
कब पुत्र से
पिता, फिर दादा बना
पता ही नहीं चला
कुछ पल जीवन में आये भी
जब रास्ता दुर्गम लगा
सब्र और संयम से
वो भी पार किया
अब उम्र के जिस मोड़ पर
खडा हूँ
एक बड़ा प्रश्न मुंह खोले
सामने खडा है
मुझ से कह रहा है
अब ताकत कम हो गयी
उम्र बढ़ गयी
कैसे लड़ोगे कठनाइयों से
मैं अवाक हो जाता हूँ
घबराने लगता हूँ
कुछ पल सोचता हूँ
फिर स्वयं उत्तर देता हूँ
मेरे जीवन के पेड़ के
पत्ते अवश्य पीले हो गए
पर गिरे नहीं हैं
जब तक पेड़ में जान है
पहले जैसे ही लहराते रहेंगे
हवा के तेज़ झोंके सहते रहेंगे
पर आसानी से गिरेंगे नहीं
सब्र और हिम्मत से
लड़ते रहेंगे
736-32-19-09-2012

1 comment:

Dr,Neha Nyati said...

inspiring lines......