Sunday, September 2, 2012

पसंद ना पसंद के कैसे कैसे पैमाने मन के



पसंद ना पसंद के
कैसे कैसे
पैमाने मन के
किसकी को चमड़ी
किसी को दमड़ी प्यारी
किसी को
जात बिरादरी प्यारी
कोई गले की
आवाज़ के पीछे मरता
कोई अभिनय की
दाद देते ना थकता
किसी को
पसंद बातें किसी को
अदाएं किसी की
कोई रूप रंग का प्यासा
किसी पर दबंग
किसी पर शालीन भारी
कोई ज्ञान का पुजारी
कोई हूनर पर वारी
कोई जुबान से निकली
वाणी का उपासक
कोई कलम से निकले
शब्दों को चाहता
कोई कर्मों से प्रभावित
कोई कृत्यों पर जान
छिड़कता
बहुतों को शांत सरल
स्वभाव भाता
हँसता चेहरा सब को
लुभाता
हर मन के
अपने अपने पैमाने
जो एक को भाये
दूजे को ना भाये
मन तो मन है
नित नए रंग दिखाए
नए नाच नचाये
हर मन के 
पसंद नापसंद के
पैमाने अलग अलग
02-09-2012
714-11-09-12

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