सूरज ने बंद
कर लिए
दरवाज़े घर के
छुपा लिया उजाले
को
घर के अन्दर
काला अन्धेरा
छा गया आकाश
में
इंद्र ने मौक़ा
ताड़ा
भेज दिए बादल
घनघोर
उमड़ घुमड़ कर
बरसने लगे
बहा दिए नदी
नाले
किसानों के
चेहरे चमकने लगे
अग्नी भी चुप
नहीं रही
लगी आकाश में
बिजली चमकाने
वरुण ने भेज
दी ठंडी हवाएं
कर दिया वातावरण
को ठंडा
पक्षी नीड़ों
में छुप गए
मिट्टी महकने
लगी
बच्चे मस्ती
में नाहने लगे
वर्षा के गीत
गाने लगे
बारिश बारिश
आयी
सबके चेहरे
पर खुशियाँ लाई
03-09-2012
719-15-09-12
No comments:
Post a Comment