Monday, September 3, 2012

सूरज ने बंद कर लिए दरवाज़े घर के



सूरज ने बंद कर लिए
दरवाज़े घर के
छुपा लिया उजाले को
घर के अन्दर
काला अन्धेरा
छा गया आकाश में
इंद्र ने मौक़ा ताड़ा
भेज दिए बादल घनघोर
उमड़ घुमड़ कर बरसने लगे
बहा दिए नदी नाले
किसानों के चेहरे चमकने लगे
अग्नी भी चुप नहीं रही
लगी आकाश में बिजली चमकाने
वरुण ने भेज दी ठंडी हवाएं
कर दिया वातावरण को ठंडा
पक्षी नीड़ों में छुप गए
मिट्टी महकने लगी
बच्चे मस्ती में नाहने लगे
वर्षा के गीत गाने लगे
बारिश बारिश आयी
सबके चेहरे पर खुशियाँ लाई
03-09-2012
719-15-09-12

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