Sunday, September 2, 2012

आज फुर्सत में भी फुर्सत नहीं उन्हें हमारे लिए



आज फुर्सत में भी
फुर्सत नहीं उन्हें हमारे लिए
फिर भी कहते हैं दिल से
चाहते हमें
क्या सच ? क्या झूठ ?
या तो खुदा जानता
या उनका ज़मीर जानता
हमारा तो दिल बस
उनके लिए ही धडकता
हर सांस पर
उनका ही नाम होता
ना मिले चाहे फुर्सत उन्हें
जीने के लिए
उनकी याद ही काफी है
02-09-2012
709-05-09-12


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