आज फुर्सत में
भी
फुर्सत नहीं
उन्हें हमारे लिए
फिर भी कहते
हैं दिल से
चाहते हमें
क्या सच ? क्या
झूठ ?
या तो खुदा
जानता
या उनका ज़मीर
जानता
हमारा तो दिल
बस
उनके लिए ही
धडकता
हर सांस पर
उनका ही नाम
होता
ना मिले चाहे
फुर्सत उन्हें
जीने के लिए
उनकी याद ही
काफी है
02-09-2012
709-05-09-12
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