Saturday, September 15, 2012

लोग आते हैं,लोग जाते हैं



ज़िन्दगी में
लोग आते हैं
लोग जाते हैं
कुछ याद आते हैं
कुछ याद भी नहीं रहते
कुछ याद करते हैं
कुछ भूल जाते हैं
तुम्हें दुःख होता है
लोग तुम्हें क्यों भूल गए
केवल इसलिए
तुम भूल जाओ तो
गुनाहगार नहीं
दुसरे भूल जाएँ तो
गुनाहगार
जब हिसाब बराबर
हो गया
तो फिर क्यों रोते हो

14-09-2012
733-29-09-12

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