लोगों को
गलतियाँ करते
देखा
बाद में व्यथित
होते
पछताते देखा
तो रहा नहीं
गया
सोचा
क्यों ना जीवन
का
अनुभव बाँट
दूँ
अपने से छोटों
को
जीवन का अर्थ
समझा दूँ
आने वाले पचड़ों
से
बचा दूँ
उनका जीवन सुखद
बना दूँ
मन से आगे बढ़
कर
लोगों को सीख
देने का
समझाने का प्रयत्न
किया
किसी को मेरा
कृत्य
पसंद नहीं आया
उलटा मंतव्य
पर
प्रश्न उठाया
गया
शक से देखा
गया
जानता नहीं
पहचानता नहीं
फिर
बिना मांगे
ही
क्यों निस्वार्थ
मदद
कर रहा हूँ
कई बार खून
का घूँट
पीना पडा
अपमान सहना
पडा
सोचा बिना मांगे
सलाह देना उचित
नहीं
तो क्यों ना
आदत छोड़ दूँ
बार बार के
अपमान से
मुक्त हो जाऊं
गहन सोच के
बाद
निर्णय लिया
मैं ऐसा ही
करता रहूँगा
मेरे अनुभव
से
किसी एक का
भी भला
कर पाया तो
मन को संतुष्टी
मिलेगी
अनुभव बांटने
के
उद्देश्य को
पूरा मानूंगा
जो मैंने
अनुभवी लोगों
से सीखा
उनका ऋण कुछ
तो
कम कर पाऊंगा
744-40-20-09-2012
1 comment:
wonderful!!!!!!pointing an entirely different attitude.....
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