कल तक मिट्टी
खोदती थी
पैरों तले गूंधती
थी
सुराही,मटके
,खिलोने
बनाती थी
सब को खुश रखती
थी
ज़िन्दगी भर
मन में तमन्ना
रखी थी
मरने के बाद
भी
किसी के काम
आयेगी
खुदा के आगे
एक ना चली
आज ढेरो मन
मिट्टी के
नीचे दबी पडी
है
उसके साथ उसकी
तमन्ना भी दबी
पडी है
अब किसी काम
नहीं
आयेगी
808-50-28-10-2012
जीवन,मृत्यु
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