कुछ घटनाएं
ऐसी घटती रहती
बीती घटनाओं की
दिलाती
भूलना चाहूँ तो भी
नियती भूलने नही देती
बार बार याद करने को
मजबूर करती
चाहती उन्हें सहेज कर
सीने से लगाए रखूँ
मुझे सचेत रखती हैं
कहीं इतना निश्चिंत
ना हो जाऊं
पहले से भी बड़ा धोखा
ना खा जाऊं
ऐसी घटती रहती
बीती घटनाओं की
दिलाती
भूलना चाहूँ तो भी
नियती भूलने नही देती
बार बार याद करने को
मजबूर करती
चाहती उन्हें सहेज कर
सीने से लगाए रखूँ
मुझे सचेत रखती हैं
कहीं इतना निश्चिंत
ना हो जाऊं
पहले से भी बड़ा धोखा
ना खा जाऊं
793-35-25-10-2012
निश्चिंत,धोखा,घटनाएं
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