क्यों ख्वाब
हकीकत बनते हैं
पूरा होते ही
तमन्नाओं के नए
महल बनते हैं
उम्मीद के
चिराग जलते हैं
ना पूरे हो तो
जी भर के रुलाते हैं
जो हुए थे पूरे
लोग उन्हें भी भुला
देते हैं
हकीकत बनते हैं
पूरा होते ही
तमन्नाओं के नए
महल बनते हैं
उम्मीद के
चिराग जलते हैं
ना पूरे हो तो
जी भर के रुलाते हैं
जो हुए थे पूरे
लोग उन्हें भी भुला
देते हैं
762-07-05-10-2012
ख्वाब
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