जेठ की तेज़ गर्मी से
लहुलुहान दोपहर
लू से घबराकर
हर आदमी घर में
दुबका हुआ
चिड़ियाएँ खोमोशी से
घोंसलों में नींद ले रही
लू और गर्मी से
बिना घबराए
वो उसके इंतजार में
गली के नुक्कड़ पर
खड़े हो कर
रोज़ उसका इंतज़ार
लहुलुहान दोपहर
लू से घबराकर
हर आदमी घर में
दुबका हुआ
चिड़ियाएँ खोमोशी से
घोंसलों में नींद ले रही
लू और गर्मी से
बिना घबराए
वो उसके इंतजार में
गली के नुक्कड़ पर
खड़े हो कर
रोज़ उसका इंतज़ार
करता
यही तो वो मौक़ा
किसी की नज़रों में आये
बिना वो अकेले में
उससे मिल सकता
तेज़ गर्मी और लू में भी उसे
ठण्ड का अहसास मिलता
यही तो वो मौक़ा
किसी की नज़रों में आये
बिना वो अकेले में
उससे मिल सकता
तेज़ गर्मी और लू में भी उसे
ठण्ड का अहसास मिलता
792-34-25-10-2012
मोहब्बत,इंतज़ार,मुलाक़ात,अहसास
No comments:
Post a Comment