सड़क पर चलने
वाला
राजा है या
फ़कीर
पेड़ को फर्क
नहीं पड़ता
जो भी बैठता
उसके नीचे
उसे ही छाया
दे देता
ना घमंड ना
अहंकार उसे
निरंतर
हवा में लहराता
रहता
पक्षी छोटा
हो या बड़ा
उसे अंतर नहीं
पड़ता
जो भी बनाता
घोंसला
ड़ाल पर
उसे ही बसेरा
बसाने देता
इंसान देखता
भी सब है
समझता भी सब
है
अहम् उसे इंसान
बनाए नहीं रखता
सदियों से लुटता
रहा है
अहम् में
लुटना फिर भी
नहीं
छोड़ता
कहलाता इंसान
हैवान बनना
फिर भी नहीं
छोड़ता
थोड़ा सा भी
पेड़ से
सीख लेता
भगवान् तो नहीं
इंसान बन कर
तो
जी लेता
814-56-28-10-2012
घमंड,अहंकार,अहम्,स्वार्थ,जीवन ,ज़िन्दगी
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