ना तुम मुझे
ना मैं तुम्हें
अपना बना
पाऊंगा
हमारे दरमियान
रिश्तों की
मजबूरियां
दीवार बन कर
खडी हैं
ना तुम गिरा
पाओगी
ना मैं गिरा
पाऊंगा
अगर कोशिश भी
करी
मैं ज़ख़्मी हो
जाऊंगा
तुम भी
ज़ख़्मी हो जाओगी
भला इसमें ही
है
दूरियों को
खुदा की रज़ा
समझ
कबूल कर लो
मैं तुम्हारे
लिए दुआ करूँ
तुम मेरे लिए
दुआ करो
ज़मीं पर मुमकिन
नहीं
ख़्वाबों में
ही मिल लो
779-23-23-10-2012
रिश्ते,मजबूरियां,प्रेम
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