मन भर गया तो
उन्होंने सोचा
अब रिश्ता ही
तोड़ लें
थक हार कर बैठ
जाऊंगा
वो भूल गए
उन्होंने ही
कहा था
मुझसे
मोहब्बत के
खातिर
जान भी गवानी
पड़े
तो गवां देना
जुदा करने की
कोशिश भी करे
कोई
तो हार नहीं
मानना
हमारी मोहब्बत
को ही
ज़िन्दगी का
किनारा
समझना
788-30-24-10-2012
मोहब्बत,जुदाई
No comments:
Post a Comment