Tuesday, July 31, 2012

मैं समझता था



मैं समझता था
जीवन में बहुत कुछ
पाया मैंने
ज़िन्दगी को भरपूर
जिया मैंने
अब बुढापा आराम से
काटूंगा
जो नहीं किया अब तक
वह सब करूंगा
दुनिया छोड़ने से पहले
हर इच्छा पूरी  करूंगा
कितना गलत था मेरा सोच
जब देखा मैंने
मेरे आस पास कोई
खुश नहीं था
पहले तो समझा सब गलत
केवल मैं सही था
समय के साथ सब ठीक
हो जाएगा
कुछ इंतज़ार के बाद पाया
सब सही मैं ही गलत था
देर तो हो चुकी थी
मगर होश नहीं खोया था
निरंतर प्रयास में लगा हूँ
जो मुझे मिला उसका
सम्मान करूँ
जो नहीं मिला उसकी
इच्छा नहीं रखूँ
जीते जी अपनों को खुश
नहीं कर सका
दुनिया से जाने से पहले
अगर उन्हें
खुशी नहीं दे सका
तो समझूंगा
जो भी किया अब तक
सब व्यर्थ था
मैं केवल अपने लिए
जिया था
31-07-2012
635-32-07-12

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