Tuesday, July 24, 2012

ना जाने क्यूं


ना जाने क्यूं
उसकी तरफ खिंचता
चला जा  रहा हूँ
रोके रुकता नहीं मन
दौड़ता है उसकी तरफ
पूछता हूँ दिल से
क्यूं मिलता है सुकून
उसकी तरफ
24-07-2012
621-18-07-12

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