वादियों
में
रिम
झिम फुहारों के बीच
मल्हार
की
सुर
सरिता गूँज रही
खुदा
से फ़रियाद कर रही
तान
से तान मिला लो
मेघों
को
जम
कर बरसा दो
प्यासी
धरती की प्यास
बुझा
दो
हर
चेहरे को खुशियों से
भर
दो
दिलों
में प्रेम के सुर
डाल
दो
17-07-2012
616-13-07-12
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