प्रियतम तडके
घर से
काम पर निकल
गए
बिना प्रियतम
दिन
कैसे कटेगा ?
रात सुहानी
थी
दिन कैसा होगा
?
कब लौटेंगे
प्रियतम ?
सोच में डूबी
थी
अनमने भाव से
काम में
लगी थी
प्रियतम के
बिना
मन उदास था
समय काटे नहीं
कट
रहा था
सब बोझ लग रहा
था,
बिना प्रियतम
बिन पानी के
मछली सी तड़प
रही थी
उसका संसार
अब
प्रियतम में
सिमट गया था
वही लक्ष्य
,वही सपना
वही अब जीवन
उसका
नयी नवेली दुल्हन
थी
विवाह के बाद
की दूसरी
सुबह थी
29-07-2012
627-24-07-12
1 comment:
beautiful and true description of life of a"nayi naveli dulhan"......
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