अच्छा
हो अब
ज़ख्म
ना भरे कोई
गुजार
लिए दिन
दर्द
सहते सहते कई
आदत
सी पड गयी
क्यूं
शौक लगाऊँ
अब
नया कोई
लगा
भी देगा
अगर
मरहम कोई
कैसे
यकीन करूँ
नया
दर्द नहीं देगा
फिर
कोई
इस
हाल में ही खुश हूँ
बस
मुस्करा देख ले
अब
कोई
17-07-2012
609-06-07-12
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