इस जीत को
जीत नहीं मानना
ख्यालों को
मिला है मुकाम
इतना सा समझना
मंजिल है अभी दूर है
पड़ाव नहीं डालना
आ जाए
सफ़र में रुकावट
तो हार नहीं मानना
हिम्मत होंसले से
निरंतर चलते रहना
बस इतना सा
जानना
17-07-2012
608-05-07-12
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