Thursday, July 5, 2012

शुक्रिया अदा करता रहा



चेहरे पर उदासी का
मुलम्मा चढ़ाए
चलते चलते
अरसा हो गया था
हँसना ही भूल गया था
रास्ते में
ह्रदय को भाये
ऐसा साथी मिल गया
डूबते को सहारा
नाउम्मीद को
उम्मीद का साथ
मिल गया
हँसना भी याद आ गया
कुछ पल भी नहीं गुजरे
किस्मत ने चौराहे
पर ला खडा किया
मैं रुका नहीं
निरंतर चलता रहा
हँसना भी भूला नहीं
कुछ पल के साथी को
साथ निभाने का
हँसना याद दिलाने का
शुक्रिया
अदा करता रहा   
05-07-2012
605-02-07-12

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