अब
अपने आप से
नफरत
करने लगा हूँ
जो
नहीं कहना चाहिए
कह
देता हूँ
जो
नहीं सुनना चाहिए
सुन
लेता हूँ
दिल
के हाथो कमज़ोर
हो
जाता हूँ
हर
बार खुद को बेबस
सिला
उम्मीद
से उलटा
पाता
हूँ
लोगों
की नज़रों से
उतर
जाता हूँ
अब
सोच रहा हूँ
दिल
की सुनना छोड़ दूं
दिमाग
से काम लूं
चेहरे
पर चेहरा चढ़ा लूं
हर
बात को तोल कर बोलूँ
लोगों
को खुश कर दूं
उन्हें
झूठा सुकून दे दूं
17-07-2012
610-07-07-12
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