दिल ना जाने कितनी बार टूटा है
दिल
ना जाने
कितनी
बार टूटा है
तुम
हमसे मोहब्बत का
मतलब
पूछ रहे हो
हसरतों
की उम्मीद में
रोता
रहा है
तुम
हमसे मंजिल का
पता
पूछ रहे हो
आइना
भी अब हमें
पहचानता
नहीं
तुम
हमारे घर का पता
पूछ
रहे हो
तन्हाई
अब हमारा घर
कब्रिस्तान
हमारी मंजिल
तुम
हमसे जीने का
मकसद
पूछ रहे हो
827-11-06-11-2012
दिल,मोहब्बत,
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