ये
चेहरा सफ़ेद नहीं है
दिलों
में नफरत को
पनपते
देख कर
खून
सूख गया है
हवा
के झोंकों में भी
अहम्
भर गया है
ईमान
को
पूजने
वालों का जीना
दुश्वार
हो गया है
हँसना
मुस्काराना
मुश्किल
हो गया है
जहन
में फरेब का
डर
बैठ गया है
ये
चेहरा सफ़ेद नहीं है
खौफ
से
सफ़ेद
हो गया है
851-35-20-11-2012
ईमान ,फरेब , जीवन ,ज़िन्दगी
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