तुम्हें पा ना सका
तुम्हें
पा ना सका
ज़िन्दगी
संवार ना सका
तन्हाई
को दोस्त
सुकून
को
दुश्मन
बना लिया
समंदर
की उम्मीद में
चुल्लू
भर
पानी
भी नहीं मिला
चेहरा
मायूस हो गया
होंसला
टूट गया
तुमने
बेरुखी से कह दिया
हमने
कभी मोहब्बत का
इरादा
ही नहीं किया
828-12-06-11-2012
सुकून,ज़िन्दगी,तन्हाई, मोहब्बत
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