आज तक
समझ नहीं सका
क्या होता है सत्य
किसी कहते हैं ईमान
कैसा होता है इश्वर
कैसी होती है आस्था
बहुत पूछा बहुत खोजा
एक ही
उत्तर मिला मुझको
सब के अपने मायने
सब के अपने पैमाने
जैसा सिखाया समझाया
उनके बड़ों ने उनको
जो पढ़ा ग्रंथों में उन्होंने
वही बन गए
पैमाने मायने उनके
जो एक के लिए ठीक
वही दूसरे के लिए गलत
कहलाने लगे
870-54-28-11-2012
सत्य,ईमान,आस्था,इश्वर,
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