गम अब
सहारा बन गए हैं
झूठी उम्मीदों से
बचा रहे हैं
ख़्वाबों की दुनिया से
दूर ले जा रहे हैं
दिल के
बहम मिटा रहे हैं
ज़िन्दगी की
हकीकत समझा रहे हैं
तकलीफ की जगह
सुकून दे रहे हैं
840-24-11-11-2012
गम,सुकून,शायरी, उम्मीदों
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