Saturday, November 3, 2012

या खुदा तेरे पैरों की आहट भी नहीं हूँ



या खुदा
तेरे पैरों की
आहट भी नहीं हूँ
तुझे सदा कैसे दूं
दिल में बसा रखा तुझे
निरंतर तेरी इबादत
करता हूँ
मुझे धन दौलत
नहीं चाहिए
तेरी नज़रें मुझ पर
बनी रहे
तेरा रहम-ओ-करम
बरसता रहे
बस इतनी सी दुआ
करता हूँ
822-06-03-11-2012
सदा=आवाज़
खुदा,सदा,इबादत,रहम-ओ-करम

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