Saturday, May 21, 2011

ख्याली पुलाव

दिल में खिल गए
लबों पे मुस्कान
हाल-ऐ-दिल बता
रही
उनका ख़त आया
मिलने का इरादा
जताया
इंतज़ार में घंटों
बैठा रहा
उनका आना हुआ
मिलना हुआ
शादी का
बुलावा मिला
खिले फूल मुरझा
गए
मुस्कान लबों का
साथ छोड़ गयी
दिल की खुशी
काफूर हो गयी
निरंतर ख्याली पुलाव
बनाने की आदत
बंद हो गयी
21-05-2011
901-108-05-11

No comments: