किसका क्या भरोसा
ज़नाज़े को कंधा लगाएगा
या नहीं लगाएगा
मौत पर मुस्काराएगा
या मातम मनाएगा
क्यूं ना
हकीकत को जान लूँ
उम्मीद की दुनिया से
बाहर निकल जाऊं
सबको खुश करने के लिए
चेहरे पर चेहरा चढ़ाना
छोड़ दूँ
जिसका भी दिल दुखेगा
वो आंसू बहाएगा
जो नफरत रखता है
वो मुस्काराएगा
02-04-2012
426-06-04-12
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