Monday, April 30, 2012

ख़्वाबों में


कल रात जब
उससे मुलाक़ात हुयी
मुझ से रहा ना गया
उससे पूछ ही लिया
कब मिलोगी मुझसे
हकीकत में
रुआंसा चेहरा लिए
वो कहने लगी
तुम खुशकिस्मत हो
खवाबों में
मुझसे मिल लेते हो
मेरे बदकिस्मती देखो
मोहब्बत करती हूँ
जिससे
वो मिला नहीं
अब तक कहीं भी
मुझसे
27-04-2012
479-60-04-12

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