हमें सताया बहुत
हँसते हुए को रुलाया
बहुत
हमने भी उसे छकाया
बहुत
वो गिराने की कोशिश
करती रही
हमें लंगडी लगाती रही
हमने भी हार मानी नहीं
कभी लडखडाते
कभी गिर पड़ते
बार बार खड़े होते रहे
खुद को सम्हाल कर
आगे बढ़ते रहे
निरंतर हँसते रहे
11-04-2012
433-13-04-12
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