यादगार बन गया
दिन सात अप्रैल का
कोई आया
बोस्टन,न्यू जर्सी से
तो कोई मुंबई,बंगलौर से
क्या पुत्र पुत्री
क्या साले,साली
क्या पोते नाती
सब के सब इकट्ठा हुए
अजमेर शरीफ में
माँ पिता के विवाह की
चौहतरवीं वर्षगाँठ पर
मिला परिवार पूरा
आये मित्र,रिश्तेदार भी सारे
सुनाये सबने किस्से
उनके साथ बिताये दिनों के
हो गए भाव विव्हल
याद कर
खट्टी मीठी बातों को
माँ ने नृत्य किया
पिता ने बताये सफल
वैवाहिक जीवन के राज़
खूब हँसे खूब नाचे गाये
इस सुनहरे अवसर पर
बिरले ही होते हैं
जिन्हें होते नसीब
जीवन में ऐसे अवसर
11-04-2012
432-12-04-12
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