एक फूल चमेली का
टहनी से जुदा किया
बालों में लगाऊँ
या कई फूल जोड़ कर
गजरा बनाऊँ
सोचते सोचते वक़्त
गुजर गया
फूल मुरझा गया
इसे अपना बनाऊँ
या उसे अपनाऊँ
फैसला हो ना सका
सोचते सोचते
ना ये मिला ना वो मिला
कुंवारापन बोझ बन गया
बुढापा आ गया
जीना दुश्वार हो गया
03-04-2012
427-07-04-12
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