की मूरत महाराणा प्रताप
आन,बान,शान के
प्रतीक प्रताप
उदय-जीवंत के पुत्र
मेवाड़ की आन
सिसिदिया वंश की शान
चावंडा में जन्मे प्रताप
यथा नाम तथा गुण के प्रताप
जगत में फैला उनका प्रताप
धरती माँ की रक्षा में
सुख त्यागा
जान हथेली पर ले
वन ,पहाड़ विचरता रहा
घास की रोटी खा कर
मुगलों से लड़ता रहा
ऐसी मिसाल
पृथ्वी पर और कहाँ
ऐसा बहादुर
ना देखा ना सुना
बच्चा बच्चा बनना चाहता
प्रताप
छप्पन वर्ष में शरीर त्यागा
शौर्य और बलिदान की
अमर कथा
पीछे छोड़ गए प्रताप
निरंतर नमन उनका करें
आओ उनसे सीख लें
जी जान से सेवा देश की करें
सच्ची श्रद्धांजली प्रदान करें
मिल कर बढ़ाएं उनका प्रताप
08-05-2011
(९ मई को प्रताप जयन्ती के उपलक्ष्य में)
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