ग़मों से
राहत मिले तो
ख्याल खुद का करूँ
रोने से
निजात मिले तो
कभी मैं भी हँसू
अपने
दुश्मन ना समझे तो
उन्हें गले से लगाऊँ
निरंतर
बेवफाई ना हो तो
उन्हें वफ़ा दिखाऊँ
ज़हन्नुम से निकलूँ तो
ज़न्नत की सोचूँ
हर लम्हा मरता हूँ
जीने का मतलब
कैसे जानूं ?
08-05-2011
823-30-05-11
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