मैंने चाँद से पूछा
आकाश कितना बड़ा है
चाँद बोला पता नहीं
मैंने भी सूरज से पूछा था
उसने भी यही कहा
मुझे पता नहीं
नन्ही चिड़िया ने
वार्तालाप सुना
धीरे से बोली
मेरी भी सुन लो
मैं जीवन भर उडती रहूँ
तो भी पता नहीं चलेगा
आकाश कितना बड़ा है
इतना अवश्य पता है
जितना मेरे लिए आवश्यक
उससे तो बड़ा है
फिर क्यों जानने के लिए
खुद को परेशान करूँ
हर छोटी बड़ी बात की
चिंता करूँ
क्यों नहीं
जितना आवश्यक केवल
उसका ध्यान करूँ
कह कर चिड़िया
आकाश की ओर उड़ गयी
मुझे सोचने के लिए
बहुत कुछ दे गयी
16-04-2012
440-21-04-12
No comments:
Post a Comment