जानना चाहता था
मेरे ह्रदय के
रक्त का रंग कैसा है
छुरी हाथ में लेकर
उसे चीर दिया
देखा तो पाया
रक्त आधा लाल आधा
काला था
समझ गया काला रक्त
घ्रणा,इर्ष्या द्वेष से
रोग ग्रस्त है
लाल रक्त
ईमान,प्यार,स्नेह का है
मैं खुश भी हुआ
दुखी भी हुआ
क्यों पूरा
रक्त लाल ना था
आत्म मंथन किया
तो सत्य जान गया
अब निश्चय कर लिया
रोगग्रस्त रक्त को भी
लाल करना है
इर्ष्या,द्वेष,घ्रणा से
मुक्त होना है
स्नेह व प्यार से जीना है
20-04-2012
466-47-04-12
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