कईयों का आशियाना यहाँ
हर रोज़
नया मेहमान आता यहाँ
मगर
खुशी से कोई ना आता यहाँ
हर शख्श दिल में
दर्द लिए आता यहाँ
दर्द सब के अलग अलग
कोई मोहब्बत का मारा
कोई बीमारी से परेशान
किसी को
पता नहीं कैसे पहुंचा यहाँ
पहले भी रह रहे बहुत यहाँ
नए मेहमान का इस्तकबाल
कोई ना करता यहाँ
निरंतर मिट्टी में दबा
हर शख्श
सुकून से सोता यहाँ
16-04-2011
687-111-04-11
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