Wednesday, April 13, 2011

कैसे भूल सकता ?

कैसे भूल सकता ?
वो वक़्त
जब तुम साथ थे
हर सुबह ,हर शाम
हर गम,हर खुशी में
मेरे साथ थे
हर लम्हा,
मेरा सहारा थे
जब तक लिखा था
किस्मत में
दिल-ओ-दिमाग से
मेरे साथ थे
सोचा ना था
कभी जुदा भी होगे
हर पल रोना
होगा,
मोहब्बत का अंजाम
ऐसा भी होता
है
पता ना था
सिर्फ बहारों को देखा था
खिजा का अहसास
ना था
13-04-2011
666-99-04-11

No comments: