कोशिश
तो बहुत की मैंने
ज़िन्दगी अकेले
गुजार दूं
उनका अंदाज़ ही
कुछ ऐसा था
कि दिल दे बैठा
दिल तो दिया
खुद को भी भूल बैठा
ये भी ख्याल ना रहा
नज़रें
ज़माने की देख रहीं
बर्दाश्त
लोगों को ना हुआ
उनसे जुदा कर के
दम लिया
निरंतरअकेला रहना
किस्मत में ना था
उनकी यादों को
साथ बाँध दिया
23-04-2011
740-160-04-11
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