जफा करो या वफ़ा करो
अब कोई फर्क नहीं पड़ता
दिल टूट गया इतना
कुछ महसूस नहीं होता
फूल कोई अब नहीं
महकता
ना कोई ख़्वाबों में आता
जीना,मरना बराबर लगता
अब कोई फर्क नहीं पड़ता
दिल टूट गया इतना
कुछ महसूस नहीं होता
फूल कोई अब नहीं
महकता
ना कोई ख़्वाबों में आता
जीना,मरना बराबर लगता
अब खिजा से रिश्ता हो गया
खुद में ही सिमट गया
निरंतर आँखों से अश्क बहाता
खामोशी से वक़्त गुजारता
खुद में ही सिमट गया
निरंतर आँखों से अश्क बहाता
खामोशी से वक़्त गुजारता
780-200-04-11
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