Tuesday, April 19, 2011

दिल के मारों को,मनचला ना कहा करो

बेजुबान को
शोला-नवा ना कहा करो
दिल के मारों को
मनचला ना कहा करो
बीमार-ऐ दिल
कोई शौक से नहीं होता
खुदा ने दिल
प्यार से लबरेज़ दिया
खुदा का तोहफा है 
हर किसी को नहीं मिलता
सवाल खुदा से करो
क्यूं तुम्हें तंग दिल बनाया
निरंतर दिल से
चाहने वालों को बेदिली से
ठुकराया
19-04-2011
703-126-04-11
1.शोला-नवा =जिसकी आवाज़ में आग हो

No comments: