निरंतर
ख़त लिखता रहता उन्हें
जानता ,जवाब ना देंगे मुझे
वो बदल गए ,हम ना बदले
बस इतना ही बताना मुझे
ना मोहब्बत कम हुयी
ना जज़्बात बदले
निरंतर अब भी ख़्वाबों में
उन्हें देखता
कोई ख्याल उनके बिना
ना आता
वो वादे से चाहे मुकर जाएँ
हम ना मुकरेंगे कभी
जब नाम दिल पर
लिख दिया उनका
कोई और
नाम ना लिखेंगे कभी
15-04-2011
680-04-2011
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