Tuesday, April 19, 2011

कातिल से मोहब्बत करी


कातिल से
मोहब्बत करी
कुर्बानी खुद की मांग ली
चेहरे से पता ना चला
पाला तंग दिल से पडा
फूल की चाहत में
तोहफा काटों का मिला
दवा के बदले ज़हर मिला
निरंतर जीने की चाह में
ना प्यार मिला ना
सुकून मिला
सामान मौत का मिला
19-04-2011
704-127-04-11
(तंग दिल =कठोर, निर्दयी)  

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