जिसने तुम्हें
खूबसूरत सूरत से
खूबसूरत सूरत से
नवाज़ा
उसने ही मुझे
मोहब्बत से लबरेज़
दिल दिया
फिर निरंतर क्यूं इतराते
इतना ?
जब मालिक एक है
फिर क्यों दूर रहते इतना
पता खुदा को
तुम्हारे सुलूक का चलेगा
उसे अच्छा ना लगेगा
उसके नाराज होने से
पहले
गरूर अपना कम करो
अब दूरी को कम करो
बातें दिल लेने देने
की करो
उसने ही मुझे
मोहब्बत से लबरेज़
दिल दिया
फिर निरंतर क्यूं इतराते
इतना ?
जब मालिक एक है
फिर क्यों दूर रहते इतना
पता खुदा को
तुम्हारे सुलूक का चलेगा
उसे अच्छा ना लगेगा
उसके नाराज होने से
पहले
गरूर अपना कम करो
अब दूरी को कम करो
बातें दिल लेने देने
की करो
15-04-2011
679-04-2011
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