Sunday, October 28, 2012

प्यार के रंगों से भरी ज़िन्दगी


प्यार के रंगों से 
भरी ज़िन्दगी कभी
एक खूबसूरत पेंटिंग का
अहसास कराती थी
पर अब बदरंग हो गयी है
सारे रंग  बेतरतीबी से
इधर उधर फैले गए
किसी  कोण से भी
देखने की इच्छा नहीं होती
ज़िन्दगी अब किसी
समारोह के बाद
समारोह स्थल जैसी
हो गयी है
जहां हर तरफ गंद ही गंद
नफरत और अविश्वास का
कचरा फैला हुआ है
इतनी अस्त व्यस्त
सांस लेना भी दूभर हो गया
अहसास ही नहीं होता
कभी यहाँ शहनाईयां
गूंजी होंगी
नाच गाने हुए होंगे
खुशी का माहौल रहा होगा
अब इंतज़ार में हूँ
कब ज़िन्दगी में फैला
कचरा हटेगा
नए समारोह के लिए
फिर से साफ़ सुथरा होगा
फिर से खुशी का माहौल
होगा
मिल जुल कर
गाना बजाना होगा
हर दिन
कोई समारोह होगा
प्यार और विश्वास का
बोलबाला होगा
ज़िन्दगी के रंग
एक खूबसूरत पेंटिंग का
अहसास करायेंगे
802-44-28-10-2012
ज़िन्दगी

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