Tuesday, October 9, 2012

समझ नहीं पाया जब देखा मैंने



समझ नहीं पाया
जब देखा मैंने
हर शख्श
चेहरे पर चेहरा लगाए
क्यूं घूम रहा है
मोहब्बत की जगह
ज़ख्म क्यूं दे रहा है
जब खुदा से इबादत करी
बड़ी मिन्नतों के बाद
उसने राज़ बताया
ज़न्नत में बहुत बड़ा
घोटाला हो गया है
जिन्हें तुम
ज़मीन पर ढूंढ रहे हो
वो घबराकर
ज़न्नत में बस गए हैं
जिन्हें होना चाहिए था
दोजख में
वो ज़मीन पर पहुँच
गए हैं
768-13-09-10-2012

घोटाला, ज़न्नत, दोजख

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