Sunday, October 28, 2012

राजा है या फ़कीर



सड़क पर चलने वाला
राजा है या फ़कीर
पेड़ को फर्क नहीं पड़ता
जो भी बैठता उसके नीचे
उसे ही छाया दे देता
ना घमंड ना अहंकार उसे
निरंतर
हवा में लहराता रहता
पक्षी छोटा हो या बड़ा
उसे अंतर नहीं पड़ता
जो भी बनाता घोंसला
ड़ाल पर
उसे ही बसेरा बसाने देता
इंसान देखता भी सब है
समझता भी सब है
अहम् उसे इंसान
बनाए नहीं रखता
सदियों से लुटता रहा है
अहम् में
लुटना फिर भी नहीं
छोड़ता
कहलाता इंसान
हैवान बनना
फिर भी नहीं छोड़ता
थोड़ा सा भी पेड़ से
सीख लेता
भगवान् तो नहीं
इंसान बन कर तो
जी लेता
814-56-28-10-2012
घमंड,अहंकार,अहम्,स्वार्थ,जीवन ,ज़िन्दगी

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